यमुना रेल पुल – उत्तरी बंगाल के साथ रेल संपर्क के लिए एक वरदान

सिराजगंज में यमुना नदी के ऊपर निर्मित यमुना रेल पुल देश के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों के लिए रेल संपर्क का एक नया युग शुरू करता है।

अब तक, ट्रेनों को यमुना बहुउद्देशीय पुल (Jamuna Multipurpose Bridge) के ऊपर से लगभग 20 किमी प्रति घंटे की गति से चलाया जाता था, जिससे पुल पार करने में 25 से 30 मिनट लगते थे। इसके अलावा, सिंगल ट्रैक लाइन होने के कारण, जब एक ट्रेन गुजरती थी, तो अन्य ट्रेनों को यमुना ईस्ट या यमुना वेस्ट स्टेशन पर रुककर इंतजार करना पड़ता था। इस कारण 30 से 45 मिनट तक की देरी हो सकती थी, जिससे उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों की रेल सेवा प्रभावित होती थी। नए रेल पुल के उद्घाटन के बाद ये समस्याएँ दूर हो जाएँगी।

नए पुल पर ट्रेनें अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकेंगी, जिससे पुल को पार करने में मात्र 5-6 मिनट लगेंगे। इसके अलावा, डबल ट्रैक होने के कारण किसी भी ट्रेन को इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

इस पुल का निर्माण 16,000 करोड़ बीडीटी की लागत से किया गया है, जिसमें से 12,000 करोड़ बीडीटी का ऋण जाइका (JICA) से लिया गया है। नए रेलवे पुल के चालू होने के बाद, यमुना बहुउद्देशीय पुल पर रेल यातायात की आवश्यकता नहीं रहेगी। इससे यमुना बहुउद्देशीय पुल पर मौजूदा रेलवे लाइन को हटाया जा सकेगा, जिससे वहाँ सड़क लेन की संख्या बढ़ाई जा सकेगी या मौजूदा लेन की चौड़ाई बढ़ाई जा सकेगी। इससे पुल की वाहन यातायात क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

कुल मिलाकर, यह रेलवे पुल उत्तरी बांग्लादेश और संपूर्ण देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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