आर्थिक अपवादवाद (Economic Exceptionalism) क्या है?
आर्थिक अपवादवाद एक अवधारणा है जिसमें कोई देश अपने आर्थिक प्रणाली को अन्य देशों की तुलना में अद्वितीय या श्रेष्ठ मानता है। यह विचार अक्सर संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़ा होता है, जो अपनी आर्थिक संरचना को सर्वश्रेष्ठ मानता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने का वैध अधिकार होने का दावा करता है।
आर्थिक अपवादवाद की अवधारणा रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों की नीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत, उन्होंने अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखा। उनका मानना था कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है और इसे अधिक नेतृत्व मिलना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि WTO और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन अमेरिका को उसके उचित अधिकार से वंचित कर रहे हैं। इसके अलावा, ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक माना। उन्होंने सख्त आप्रवासन नीतियाँ अपनाईं, जो आर्थिक अपवादवाद की अवधारणा से जुड़ी हुई हैं।
DEI (डाइवर्सिटी, इक्विटी और इन्क्लूज़न) क्या है?
डाइवर्सिटी, इक्विटी और इन्क्लूज़न (DEI) अमेरिकी अर्थव्यवस्था और समाज से संबंधित सिद्धांत हैं:
- डाइवर्सिटी (Diversity): सभी पृष्ठभूमि के लोगों को समान अवसर प्रदान करना।
- इक्विटी (Equity): सभी के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित करना।
- इन्क्लूज़न (Inclusion): सभी को समान रूप से सम्मान और मान्यता देना।
रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन सिद्धांतों के विरोधी थे। उनका तर्क था कि यह रिवर्स भेदभाव (Reverse Discrimination) को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे श्वेत अमेरिकियों के साथ पक्षपात हो सकता है। उन्होंने यह भी माना कि DEI LGBTQ एजेंडा को बढ़ावा दे सकता है और व्हाइट सुप्रीमेसी (श्वेत वर्चस्व) को कमजोर कर सकता है, जिसे उन्होंने पारंपरिक अमेरिकी मूल्यों के लिए खतरा माना।
क्रिटिकल रेस थ्योरी (CRT) क्या है?
क्रिटिकल रेस थ्योरी (CRT) DEI से जुड़ी एक अवधारणा है, जो नस्लवाद और उसके सामाजिक प्रभावों पर चर्चा करती है। रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विचारधारा का विरोध किया और इसके प्रचार-प्रसार के खिलाफ अभियान चलाया। उनका मानना था कि यह अवधारणा अमेरिका के पारंपरिक मूल्यों के लिए हानिकारक हो सकती है।